डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट कौन जारी करता है

आजकल हर कोई अपना हर काम कम संसाधन, कम लागत और कम समय में करना चाहता है, जिसके लिए सुविधाएं भी उपलब्ध है जिसमें से डिजिटल सिगनेचर सर्टिफिकेट एक है जिसके द्वारा ऑनलाइन मोड में सिगनेचर किया जाता है. किसी भी फॉर्म को ऑनलाइन भरने के लिए अब ऑनलाइन सिगनेचर भी किया जाता है.

ध्यान दे, सीए को भारतीय आईटी-अधिनियम 2000 की धारा 24 के तहत डीएससी यानि डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट जारी करने का लाइसेंस दिया जाता है. डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट प्राप्त करने वाले व्यक्ति किसी दस्तावेज़ पर डिजिटल रूप से हस्ताक्षर करने के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं. इस आर्टिकल में डिजिटल सिगनेचर सर्टिफिकेट को कौन जारी करता है के बारे में जानकारी उपलब्ध है. आइए विवरण देखते है:

डिजिटल सिगनेचर सर्टिफिकेट क्या है

डिजिटल सिगनेचर सर्टिफिकेट एक ऐसा सिगनेचर होता है जो मैन्युअल सिग्नेचर का इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म होता है. उदाहरण के लिए- आप गवर्नमेंट या किसी भी व्यक्ति से यदि ऑफलाइन कम्युनिकेशन करते हैं तो वेरीफाई करने के लिए फार्म पर सिग्नेचर करते हैं. लेकिन जब यह कम्युनिकेशन कंप्यूटर के माध्यम से होता है तो यहां पर सिग्नेचर ऑनलाइन तरीके से ही करना होता है जो डिजिटल सिगनेचर सर्टिफिकेट के द्वारा ही हो सकता है.

डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट कौन जारी करता है?:

भारतीय सरकार ने भारतीय आईटी- अधिनियम 2000 की धारा 24 के तहत कुछ Certifying Authorities (CA) को डिजिटल सिगनेचर सर्टिफिकेट जारी करने के लिए लाइसेंस दिया है. अर्थात एक लाइसेंस प्राप्त प्रमाणन प्राधिकरण ही डिजिटल सिगनेचर सर्टिफिकेट जारी कर सकता है.

भारत में कुल लगभग 15 सर्टिफाइंग अथॉरिटीज हैं, जिन्हें भारत सरकार के द्वारा लाइसेंस प्राप्त है.

  • eMudhra and – Https://www.emudhra.com/
  • nCode Solutions -.Https://www.ncodesolutions.com
  • Sify Technologies -.Https://ww.sifytechnologies.com/
  • TCS-.Https://www.tcs.com/
  • CCAvenue-.Https://ww.ccavenue.com
  • National Information Center
  • IDRBT Certifying Authority
  • SafeScript CA Services
  • CDAC
  • Capricorn
  • ProDigiSign
  • Care4Sign
  • XtraTrust

Note: डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट प्रदान करने वाली संस्था का नाम https://www.mca.gov.in/content/mca/global/en/home.html से देख सकते है.

डिजिटल सिगनेचर सर्टिफिकेट की प्रकार:

डिजिटल सिगनेचर सर्टिफिकेट की तीन प्रकार होते हैं. यह आवेदक की जरूरत पर निर्भर करता है. आवेदक को जिस भी प्रकार की सर्टिफिकेट की जरूरत होती है उसके लिए आवेदन कर सकता है.

  • कक्षा 1 प्रमाणपत्र: यह सर्टिफिकेट व्यक्तिगत ग्राहकों को जारी किया जाता है. इसका उपयोग यह पुष्टि करने के लिए किया जाता है कि उपयोगकर्ता का नाम और ईमेल में स्पष्ट रूप से परिभाषित विषय से प्रमाणित डेटाबेस में है या नही.
  • कक्षा 2 प्रमाणपत्र: कक्षा 2 का प्रमाण पत्र सरकारी संस्थानों में दस्तावेज फाइल करने के लिए जारी किया जाता है.  रजिस्ट्रार आफ कंपनीज (ROC) के साथ ई फाइलिंग के उद्देश्य से कंपनियों के अधिकारियों को जारी किया जाता है. ROC के साथ रिटर्न दाखिल करते समय मैन्युअल दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने वाले व्यक्तियों के लिए कक्षा 2 प्रमाण पत्र ज़रूरी है.
  • कक्षा 3 प्रमाणपत्र: यह प्रमाण पत्र भारत में कहीं भी ऑनलाइन नीलामी/ई-नीलामी या ई टेंडरिंग और ऑनलाइन बोली लगाने के लिए उपयोग किया जाता हैं. जो विक्रेता ऑनलाइन नीलामी में भाग लेना चाहता है, उनके पास कक्षा 3 का डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाण पत्र होना चाहिए. क्लास 3 डिजिटल हस्ताक्षर, डिजिटल सिग्नेचर में सबसे उच्च स्तर का हस्ताक्षर है.

FAQs

Q. 1. डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाण पत्र कैसे जारी किए जाते हैं?

डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाण पत्र दोनों तरीके से जारी किए जाते हैं ऑफलाइन और ऑनलाइन.

ऑनलाइन में किसी विश्वसनीय प्रमाणपत्र प्राधिकारी (CA) के वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. ऑफलाइन में आप का के कार्यालय में जाकर व्यक्तिगत रूप से आवेदन कर सकते हैं.

CA आपके दस्तावेजों की जांच करेगा. यदि वे स्वीकृत है तो डिजिटल सिगनेचर सर्टिफिकेट जारी करेगा.

Q. 2.डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाण पत्र की सामग्री क्या है?

डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाण पत्र की सामग्री/दस्तावेज़ है.

  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड
  • पासपोर्ट साइज का फोटो
  • एड्रेस (निवास प्रमाण पत्र/बिजली बिल /फोन बिल)

Q. 3.डिजिटल हस्ताक्षर के लिए कौन पात्र है?

डिजिटल हस्ताक्षर के लिए कोई भी व्यक्ति पात्र होता है. जिन्हे ऑनलाइन हस्ताक्षर करने की आवश्कता होती है वे डीएससी के लिए आवेदन कर सकते है. आप अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक उद्देश्यों या आवश्यकताओं के अनुसार अलग अलग डिजिटल हस्ताक्षर रख सकते है.

Q. 4.डिजिटल सिग्नेचर कब जरूरी है?

डिजिटल सिगनेचर सर्टिफिकेट की जरूरत तब पड़ती है जब आप कोई ऑनलाइन कार्य और दस्तावेज की प्रमाणिकता की जांच करते हैं, तो हस्ताक्षर के रूप में इसकी जरूरत पड़ती है. यह बहुत मददगार और सुरक्षित होता है.

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