भारत में लोन पर कितना जीएसटी लगता है 2024: जाने लोन लेते है, तो कितना जीएसटी देना पड़ेगा

टैक्स व्यवस्था को सरल करने के उद्देश्य से 1 जुलाई, 2017 को लागू की गई GST, अब भारतीय टैक्स व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है. GST के लागू होने से भारत की पुरानी टैक्स प्रणाली में बहुत बड़ा बदलाव हुआ हैं. जिसका प्रभाव ऋण व्यवस्था पर भी पड़ा है.

लोन व्यापार और व्यक्तिगत जरूरत को पूरा करने का एक जरिया बना हुआ है. इसलिए, सरकार भी लोन के प्रकार के आधार पर अलग-अलग प्रकार के जीएसटी चार्ज करती है. इस पोस्ट में भारत में लोन पर कितना जीएसटी लगता है? और किस प्रकार की ऋणलोन पर कौन सी जीएसटी दर लगती है? के बारे में पूरी जानकारी बताया गया है. इस पोस्ट के मदद से लोन पर लगने वाले जीएसटी को अच्छे से समझ पाएँगे.

किस प्रकार के लोन पर कितना GST लगता है

भारत में अलग-अलग प्रकार की लोन पर अलग-अलग जीएसटी लगते हैं. उदहारण के लिए लोन लेने पर निम्न प्रकार के जीएसटी शुल्क लगता है. जैसे;

  • प्रोसेसिंग फीस
  • फोरक्लोज़र शुल्क
  • दंड ब्याज़
  • पार्ट प्री-पेमेंट शुल्क
  • लोन अकाउंट स्टेटमेंट शुल्क
  • आउटस्टेशन कलेक्शन पर शुल्क
  • बाउंस होने पर लगने वाले शुल्क

क्रेडिट कार्ड से ईएमआई पर लिए गए लोन पर GST

  • क्रेडिट कार्ड से ईएमआई पर लिए गए लोन के ब्याज पर 18% कि दर से जीएसटी देना पड़ता है.
  • क्रेडिट कार्ड से लोन लेने पर जीएसटी केवल एक बार लगता है.
  • लिए गए लोन पर यदि देर से भुगतान करते है, तो 18% जीएसटी लगेगा.
  • क्रेडिट कार्ड से भी बिल भुगतान करने पर जीएसटी नही लगता है.

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पर्सनल लोन पर जीएसटी का प्रभाव क्या है?

पर्सनल लोन व्यक्ती अपनी व्यक्तिगत जरुरतो को पूरा करने के लिए लेता है जैसे: घर खरीदना, शिक्षा पर खर्च करना, कार खरीदना या कोई कारण हो सकता है.

व्यक्तिगतलोन पर जीएसटी दर 18% है. जीएसटी लागू होने से पहले यह 15% थी. यह जीएसटी ऋण की कुल राशि पर बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान द्वारा लगाया जाता है. व्यक्ति को मूल राशि के अलावा 18% जीएसटी का भी भुगतान करना पड़ता है.

उदाहरण के लिए रमेश ने 10 लाख रुपए का व्यक्तिगत ऋण लिया है, तो 18% जीएसटी के अनुसार कुल GST उस पर 180,000 हुआ. अब रमेश को कुल मिलाकर 11,80,000 रुपए बैंक को चुकान पड़ेगा.

एजुकेशन लोन पर GST का प्रभाव क्या है?

एजुकेशन लोन के मूल राशि पर जीएसटी नहीं लागू होती है, बल्कि लोन की प्रोसेसिंग फीस, प्रीपेमेंट फीस, और अन्य फीस पर जीएसटी दर 18% लागू होती है.

उदहारण के लिए यदि रमेश ₹2 लाख रूपये का एजुकेशन लोन के लिए आवेदन करते है, तो वित्तीय संस्थान / बैंक 2% प्रोसेसिंग शुल्क लेती है. इसी प्रकार प्रोसेसिंग शुल्क (₹2,00,000 का 2%) 4,000 हुआ. प्रोसेसिंग शुल्क (₹4000) पर 18% जीएसटी 720 रुपए हुआ.

आएये उदहारण से समझते है:

प्रोसेसिंग फ़ीस+18% जीएसटी4720
4000 + 720= 4720

इस हिसाब से रमेश ने 204720 का भुगतान किया. इसमें ₹2 लाख मूल राशि और ₹4720 प्रोसेसिंग शुल्क और उस पर 18% जीएसटी है.

होम लोन पर GST का प्रभाव क्या है?

शिक्षा ऋण की तरह होम लोन में भी मूल राशि पर जीएसटी का प्रभाव नहीं है. यह लोन की प्रोसेसिंग फीस, प्रीपेमेंट फीस और अन्य फीस पर लागू होती है जो की 18% की दर से है.

उदाहरण के लिए रमेश ₹20 लाख होम लोन के लिए आवेदन किया. वित्तीय संस्थान / बैंक ने 2% प्रोसेसिंग शुल्क लिया तो  प्रोसेसिंग शुल्क (₹20,00,000 का 2%) 40,000 हुआ. प्रोसेसिंग शुल्क (₹40,000) पर 18% जीएसटी 7200 रुपए हुआ.

प्रोसेसिंग फ़ीस+18% जीएसटी4720
40,000 + 7200= 47200

इस हिसाब से रमेश ने 20,47,200 का भुगतान किया. इसमें ₹20 लाख मूल राशि और ₹47,200 प्रोसेसिंग शुल्क और उस पर 18% जीएसटी है.

ध्यान दे: प्रोसेसिंग शुल्क वित्तीय संस्थान/ बैंक के निजी पॉलिसी और शर्तों पर निर्भर करती है. इसलिए यह अलग अलग हो सकती है.

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लोन पर जीएसटी सम्बंधित प्रश्न: FAQs

Q. कौन सा लोन टैक्स छूट के अंतर्गत आता है?

होम लोन, एजुकेशन लोन, प्रधानमंत्री आवास योजना लोन, प्रधानमंत्री जनजाति आवास योजना ऋण, कृषि ऋण, व्यापारिक ऋण आदि ऐसे कुछ लोन है, जो टैक्स छूट के अंतर्गत आते हैं.

Q. क्या पर्सनल लोन पर टैक्स बेनिफिट मिलता है?

नहीं, भारत में आयकर अधिनियम की धारा 80 के तहत टैक्स बेनिफिट कुछ विशेष ऋण पर मिलता है जैसे आवास ऋण, कृषि ऋण, शिक्षा ऋण आदि,लेकिन पर्सनल लोन पर टैक्स बेनिफिट नहीं मिलता है.

Q. क्या कर्ज चुकाने पर जीएसटी देय है?

नहीं, कर्ज चुकाने पर जीएसटी देय नहीं है. जीएसटी एक प्रकार का कर है, जो वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाता है.

Q. लोन पर जीएसटी कितना लगता है?

बैंक लोन पर 18% जीएसटी लगता है. जबकि जीएसटी लोन के अनुसार जीएसटी के परसेंटेज भी अलग होता है.

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