Income Tax Slab: आय कर (Income Tax) किसी व्यक्ति की वार्षिक आय पर लगाया जाता है. आयकर कानून (Income Tax Law) के तहत वर्ष 1 अप्रैल से शुरू होकर अगले कैलेंडर वर्ष के 31 मार्च को आयकर कानून वर्ष को पिछला वर्ष के रूप में जाना जाता है. जिस वर्ष आय अर्जित की जाती है उसे पिछला वर्ष कहा जाता है. और जिस वर्ष आय पर कर लगाया जाता है उसे निर्धारण वर्ष या मूल्यांकन वर्ष कहा जाता है.
उदाहरण के लिए, 1 अप्रैल, 2022 से 31 मार्च , 2023 की अवधि के दौरान अर्जित आय को पिछले वर्ष 2022-23 की आय माना जाता है. जो पिछला वर्ष है. इसलिए, भारत में इनकम टैक्स की गणना फ़ाइनेंशियल ईयर (FY) और असेसमेंट ईयर (AY) के लिए इनकम टैक्स स्लैब और रेट्स पर आधारित है.
इनकम टैक्स स्लैब क्या होता है?
टैक्स स्लैब (Tax Slab) एक वित्तीय नियम है, जिसे सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है। यह निर्धारित करता है कि व्यक्ति या संगठन को उनकी आय के आधार पर कितना कर देना होगा. टैक्स स्लैब में आमतौर पर एक से अधिक श्रेणियां होती हैं, जिनमें आय के अनुसार विभाजित किए जाते हैं।
वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए व्यक्तिगत आयकर के लिए:
- 0 रुपये से 2,50,000 रुपये तक: कोई कर नहीं
- 2,50,001 रुपये से 5,00,000 रुपये तक: 5% कर
- 5,00,001 रुपये से 10,00,000 रुपये तक: 20% कर
- 10,00,001 रुपये से अधिक: 30% कर
यहाँ 4 टैक्स स्लैब 0 से 2.50 लाख, 2.50 से 5 लाख, 5 से 10 लाख, 10 लाख से ऊपर.
टैक्स डिडक्शन (Tax Deduction) क्या है? :
टैक्स डिडक्शन (Tax Deduction) एक वित्तीय निर्णय है जिसके तहत व्यक्ति या संगठन किसी आय के उपरांत विभिन्न वित्तीय खर्चों का प्रावधान कर सकते हैं, जिन्हें आयकर अधिनियम के तहत मान्यता प्राप्त होती है. यह उपयोगकर्ताओं को आयकर दायित्व से छूट देता है और उनकी नियमित आय को कम करने में मदद करता है.
एक उदाहरण के रूप में, एक व्यक्ति की वार्षिक आय 5 लाख रुपये है और उन्होंने एक वित्तीय निवेश योजना में 1 लाख रुपये का निवेश किया हैहै. यदि उन्हें आयकर अधिनियम के तहत इस निवेश के लिए टैक्स डिडक्शन की अनुमति है, तो उनकी नियमित आय 5 लाख रुपये से कम हो जाएगी. इसके परिणामस्वरूप, उन्हें केवल 4 लाख रुपये पर ही आयकर भरना होगा.
टैक्स डिडक्शन निवेश की राशि को व्यक्ति की नियमित आय से कटा देता है, जिससे उनकी टैक्स लियाबिलिटी कम होती है.
अन्य सेवाओं के लिए आप इस वेबसाइट पर जा सकते हैं. इसमें वित्तीय वर्ष, इनकम टैक्स स्लैब्स, टैक्स सीजन, निर्देशिका, रिटर्न भरने की तिथियां, आवश्यक फॉर्म, और अन्य आवश्यक जानकारी शामिल होती है. https://www.incometaxindia.gov.in/ इस वेबसाइट पर आपको आयकर विभाग से संबंधित नवीनतम जानकारी, फॉर्म, निर्देशिका, अधिकारिक सूचना, ई-सेवा, और अन्य सेवाएं मिलेंगी.
न्यू इनकम टैक्स स्लैब 2023
बजट 2023 में नई टैक्स रेजिम के तहत टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया है. इस बदलाव के अनुसार अब उन करदाताओं को टैक्स नहीं देना पड़ेगा जिनकी आमदनी 7 लाख रुपये सलाना है या उस से कम है.
वेतन भोगियों को इससे फायदा मिलेगा, क्योकि इससे पहले ₹5 लाख तक की आमदनी पर कर देते थे. जिसे बजट 2023 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा बढ़ाकर ₹7 लाख तक कर दिया गया है. इनकम टैक्स स्लैब की संख्या को 6 से घटाकर 5 कर दिया गया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023 में बदलाव न्यू इनकम टैक्स में कुछ बदलाव लाया है. इसमें नई टैक्स रेजिम को डिफॉल्ट बनाया गया और पुराने टैक्स रेजिम को ऑप्शनल कर दिया गया है. स्टैंडर्ड डिडक्शन को पहली बार जोड़ा गया.
नया टैक्स स्लैब 2023-24
| आय | नई दर |
| 0 से 3 लाख | 0 |
| 3-6 लाख | 5% |
| 6 से 9 लाख | 10% |
| 9 से 12 लाख | 15% |
| 12 से 15 लाख | 20% |
| 15 लाख से ऊपर | 30% |
बजट 2023 में टैक्स स्लैब में बदलाव
बजट 2023 में टैक्स स्लैब में निम्नलिखित बदलाव किए गए हैं.
- नये टैक्स स्लैब के अनुसार अब 3 लाख तक की आमदनी (सलाना) पर कोई टैक्स नहीं (0%) देना पड़ेगा.
- जिन व्यक्तियों की आय 3-6 लाख तक सलाना है, उनको अपनी आमदनी पर 5% देना होगा.
- जिन करदाताओं की आय ₹6-9 लाख सलाना है, उनको 10% का टैक्स चुकाना होगा.
- जिन लोगो की आमदनी 9 से 12 लाख सालाना है, उन्हें 15% टैक्स चुकाना होगा.
- अगर आपकी आमदनी 12 से 15 लाख रुपए चलाना है, तो आपको 20% की दर से टैक्स देना होगा.
- 15 लाख से ऊपर चलाना आमदनी वालों को 30% तक टैक्स देना होगा
- जिनकी आय ₹15.5 लाख तक है, उनको ₹52000 का फायदा होगा.
- 7 लाख तक की या उसे कम की सलाना आए पर कोई भी कर नहीं देने होंगे.
यह टैक्स स्लैब्स कब लागू होगा?
यह टैक्स स्लैब टैक्स पेयर पर तब लागू होगा, जब वे नई टैक्स रेजीम को चुनते हैं. वित्त वर्ष 2023-24 (1 अप्रैल 2023-31 मार्च 2024) के लिए यह टैक्स स्लैब 1 अप्रैल 2023 से लागू हो रहा है. यानी वित्त वर्ष 2023-24 में कमाई गई इनकम पर लागू होगा.
यदि टैक्सपेयर चाहे तो पुरानी टैक्स रेजीम को भी फॉलो कर सकते हैं क्योंकि पुरानी टैक्स रेजीम ऑप्शनल हो गया है. नई टैक्स रेजीम में अतिरिक्त कमाई पर टैक्स की छूट भी दी गई है.
ओल्ड टैक्स स्लैब / मौजूद टैक्स स्लैब
| आय | कर |
| 0-2.5 लाख | 0% |
| 2.5-5 लाख | 5% |
| 5-7.5 लाख | 20% |
| 7.5-10 लाख | 20% |
| 10-12.5 लाख | 30% |
| 12.5-15 लाख | 30% |
| 15 लाख Above | 30% |
पुराने इनकम टैक्स स्लैब (2022-23) के अनुसार बेसिक छुट सीमा 2.5 लाख को बढ़ाकर ₹3 लाख कर दी गई है, जिस पर कोई भी कर नहीं है. और ₹5 लाख रुपये तक आमदनी पर कोई आयकर नहीं देना था अब यह इनकम बढ़ाकर ₹7 तक कर दिया गया है.
कौन सा टैक्स रेजीम बेहतर होगा?
अगर आपकी इनकम 7.5 लाख रुपये सालाना है और आप न्यू टैक्स रेजीम चुनते हैं तो आपको एक भी रुपए टैक्स नहीं देने पड़ेंगे. कुछ एक्सपर्ट्स के मुताबिक न्यू टैक्स स्लैब एक बेहतर यूज है. लेकिन कई जगहों पर पुराना टैक्स स्लैब भी बेहतर है.
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इनकम टैक्स स्लैब सम्बंधित प्रश्न: FAQs
यह है नया इनकम टैक्स स्लैब:
आय नई दर
● 0 से 3 लाख 0
● 3-6 लाख 5%
● 6 से 9 लाख 10%
● 9 से 12 लाख 15%
● 12 से 15 लाख 20%
● 15 लाख से ऊपर 30%
हाँ, आयकर श्रेणियाँ विभिन्न प्रकार के करदाताओं के लिए भिन्न हो सकती हैं. कई देशों में व्यक्तियों, हिंदू संयुक्त परिवार (HUFs), कंपनियों और अन्य संस्थाओं के लिए कर दरें और करदाता स्लैब में भिन्न हो सकती हैं. ये भिन्नताएं एक न्यायसंगत और समान्य आयकर प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए होती हैं.
आमतौर पर आयकर श्रेणियाँ व्यक्तियों द्वारा कमाई जाने वाली कुल कर योग्य आय पर लागू होती हैं। वेतन, व्यापार के लाभ, पूंजी लाभ या अन्य स्रोतों से प्राप्त आय के विभिन्न प्रकार के लिए भिन्न कर दरें और छूट की योग्यता आयकर श्रेणियों के अंदर हो सकती हैं.
2023 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा ऐलान किया गया है, कि न्यू इनकम टैक्स स्लैब के तहत ₹7 लाख तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा.
नए इनकम टैक्स स्लैब क्या है की पूरी जानकारी उपलब्ध किया गया है. यदि इस पोस्ट से सम्बंधित किसी जानकारी की आवश्यकता हो, तो कमेंट बॉक्स में लिखकर हमसे अवश्य पूछे.

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